मोहिनी एकादशी: व्रत विधि, तिथि, महत्व, क्या दान करें और क्या नहीं मोहिनी एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। यह एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में आती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृत दिलाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। इस दिन उपवास और व्रत करने से जीवन के समस्त पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 🕉️ मोहिनी एकादशी 2025 की तिथि और समय तिथि प्रारंभ: 7 मई, 10 बजकर 20 मिनट तिथि समाप्त: 8 मई, 12 बजकर 29 मिनट पारण का समय: 9 मई 2025 को प्रातः 06:06 बजे से 08:42 बजे तक जो भी भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, उन्हें एकादशी की तिथि में ही व्रत करना चाहिए और द्वादशी के दिन पारण करना चाहिए। मोहिनी एकादशी का महत्व शास्त्रों के अनुसार मोहीनी एकादशी का व्रत रखने से पूर्व जन्मों के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु इस दिन भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। इस दिन व्रत, उपवास, जप, ध्यान और दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु के “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी होता है। 🌟 मोहिनी एकादशी के दिन क्या दान करें? मोहिनी एकादशी के दिन दान का विशेष महत्व होता है। इस दिन निम्नलिखित चीजों का दान करना अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है: 1. अन्न का दान – गरीबों और जरूरतमंदों को गेहूं, चावल, दाल आदि अन्न का दान करें। 2. वस्त्र दान – ब्राह्मणों, जरूरतमंदों या मंदिर में वस्त्र दान करना कल्याणकारी माना जाता है। 3. जल से भरा कलश दान – जल से भरे हुए कलश का दान करने से पितृ दोष और जल से संबंधित कष्ट दूर होते हैं। 4. छाता, पंखा, जूते दान – गर्मी के मौसम में छाता, पंखा, चप्पल आदि का दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। 5. फल और मिठाई दान – भूखे और गरीब बच्चों को फल, मिठाई का दान करना भी अत्यंत पुण्यदायी है। 6. गाय को हरा चारा या गुड़ खिलाना – गोसेवा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इन दानों से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। 🌟 मोहिनी एकादशी के दिन क्या दान नहीं करना चाहिए? शास्त्रों में कुछ चीजों का दान निषेध किया गया है। मोहिनी एकादशी के दिन निम्नलिखित चीजों का दान करने से बचना चाहिए: 1. लोहे की वस्तुएं – लोहे से बनी चीजें जैसे तवा, कड़ाही आदि दान नहीं करनी चाहिए। 2. तेल या तैलीय पदार्थ – तेल, घी जैसे तैलीय पदार्थों का दान इस दिन वर्जित है। 3. नुकीली चीजें – चाकू, कैंची जैसी वस्तुओं का दान इस दिन नहीं करना चाहिए। 4. काली वस्तुएं – काले रंग के कपड़े, जूते आदि का दान इस दिन वर्जित बताया गया है। यदि किसी को इन वस्तुओं की अत्यधिक आवश्यकता हो तो विद्वान पंडित या आचार्य से परामर्श लेकर ही दान करना चाहिए। 🙏 मोहिनी एकादशी व्रत विधि • एकादशी के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। • भगवान विष्णु के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजा प्रारंभ करें। • भगवान विष्णु को तुलसी दल, फूल, धूप, नैवेद्य अर्पित करें। • विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु स्तुति का पाठ करें। • एकादशी की कथा श्रवण करें। • दिनभर उपवास रखें; यदि स्वास्थ्य की अनुमति न हो तो फलाहार कर सकते हैं। • द्वादशी के दिन सूर्योदय के बाद भगवान विष्णु की पूजा कर ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत का पारण करें। मोहिनी एकादशी व्रत के लाभ मोहिनी एकादशी व्रत से व्यक्ति को जीवन के समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। जिन व्यक्तियों की वैवाहिक जीवन में समस्या हो या संतान सुख में बाधा हो, उन्हें इस व्रत से विशेष लाभ प्राप्त होता है। यह व्रत पुण्य के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। मोहिनी एकादशी का व्रत और इस दिन दान का अत्यधिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से समस्त दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सही चीजों का दान करना पुण्यफल देता है हर व्यक्ति को मोहिनी एकादशी के दिन सच्चे मन से व्रत, उपवास, पूजा और दान करना चाहिए ताकि वह भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सके। यह भी पढ़ें : विष्णु चालीसा, श्री विष्णु आरती, विष्णु मंत्र
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