राम लखन सिया जानकी

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राम लखन सिया जानकी 

राम लखन सिया जानकी आज मैने सपने में देखा,

राम लखन सिया जानकी आज मैने सपने में देखा

 

चारो ओर चार खम्भे गड़े है, चारो ओर चार खम्भे गड़े है

बीच में जी की पालकी आज मैंने सपने में देखा

राम लखन सिया जानकी आज मैने सपने में देखा..।।

 

चारों ओर चार भइया खड़े है, चारों ओर चार भइया खड़े है

बीच में राम जी की जानकी आज मैंने सपने में देखा

राम लखन सिया जानकी आज मैने सपने में देखा..।।

चारो ओर चार दीपक जलत है, चारोओर चार दीपक जलत है

बीच में राम जी की आरती, आज मैने सपने देखा

राम लखन सिया जानकी आज मैने सपने में देखा..।।

 

चारो ओर चार भक्त खड़े है, चारो ओर चार भक्त खड़े है

बीच में खड़े हनुमान जी, आज मैने सपने में देखा

 

राम लखन सिया जानकी आज मैने सपने में देखा..।।

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