तिथि

साईं आरती

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साईं आरती 

 

आरती श्री साई गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की ।

    जाके कृपा विपुल सुखकारी ,दुःख-शोक, संकट भयहारी ॥आरती श्री..॥

 

शिर्डी में अवतार रचाया ,चमत्कार से तत्व दिखाया ।

कितने भक्त शरण में आए वे ,सुख़ शांति निरंतर पाए ॥आरती श्री..॥

 

भाव धरे जो मन मैं जैसा ,साई का अनुभव हो वैसा ।

गुरु को उदी लगावे तन को ,समाधान लाभत उस तन को ॥आरती श्री..॥

 

साईं नाम सदा जो गावे ,सो फल जग में साश्वत पावे

गुरुवार सदा करे पूजा सेवा, उस पर कृपा करत गुरु देवा ॥आरती श्री..॥

 

राम ,कृष्ण,हनुमान रूप में ,दे दर्शन जानत जो मन में ।

विविध धरम के सेवक आते ,दर्शन कर इचित फल पाते ॥आरती श्री..॥

 

जय बोलो साई बाबा की ,जय बोलो अवधूत गुरु की

साई की आरती जो कोई गावे घर में ,बसी सुख़ मंगल पावे ॥आरती श्री..॥

 

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