तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा, तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा
सावन में तुलसा की दुई दुई पाती, भादव में हुई दुई चार मोरे आँगनवा
तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा..।।
कुंवार में तुलसा सयानी भई है, कातिक में रचा है बिहाव मोरे अँगनवा
तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा..।।
अगहन में तुलसा गौने गई है, पूस में गई फुलयाये मोरे अंगनवा
तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा..।।
माघ में तुलसा गंगा नहानी, फागुन मा खेले फाग मोरे अँगनवा
तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा..।।
चैत मा तुलसा चैतन रही है, बैसाख मा गई बैकुण्ठ मोरे अँगनवा
तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा..।।
जेठ मा तुलसा गरभय आई, आषाढ़ मा गई हरियाऐ मोरे अँगनवा
तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा..।।
साँझ का दिया न सकार के बढ़नी वही कुलवन्ती नार मेरे अँगनवा
तुलसा लहरिया ले मोरे आँगनवा..।।
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