झुलेलाल आरती

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झुलेलाल आरती 

 

ॐ जय दूलह देवा, साईं  जय दूलह देवा ।

पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥ॐ..॥

तुहिंजे दर दे केई सजण अचनि  सवाली ।

 दान वठन सभु दिलि सां कोन दिठुभ खाली ॥ॐ..॥

अंधड़नि  खे दिनव अखडियूँ  - दुखियनि  खे दारुं ।

पाए मन जूं मुरादूं सेवक कनि थारू ॥ॐ..॥

फल फूलमेवा सब्जिऊ पोखनि मंझि पचिन ।

तुहिजे महिर मयासा  अन्न बि आपर अपार थियनी ॥ॐ..॥

ज्योति जगे थी जगु में लाल तुहिंजी लाली ।

अमरलाल अचु मूं वटी हे विश्व संदा वाली ॥ॐ..॥

जगु जा जीव सभेई पाणिअ बिन प्यासा ।

जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा ॥ॐ..॥

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