बड़ा मंगल

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बड़ा मंगल 

बड़ा मंगलजिसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता हैउत्तर भारतविशेषकर लखनऊ और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक विशेष धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह ज्येष्ठ महीने के प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होता है और हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है।

बड़ा मंगल क्यों मनाया जाता है?

बड़ा मंगल का आयोजन ज्येष्ठ मास के मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा के लिए किया जाता है। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैंमंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और भंडारे का आयोजन करते हैं। यह दिन हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

बुढ़वा मंगल की पौराणिक कथाएं

1. राम-हनुमान की पहली भेंट

पौराणिक कथा के अनुसारजब भगवान श्रीराम माता सीता की खोज में वन-वन भटक रहे थेतब उनकी पहली मुलाकात हनुमान जी से हुई थी। हनुमान जी उस समय एक ब्राह्मण के रूप में राम और लक्ष्मण से मिले थे। यह भेंट ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को हुई थीइसलिए इस दिन को विशेष माना जाता है।

2. भीम और वृद्ध वानर की कथा

महाभारत काल मेंभीम गंधमादन पर्वत पर श्वेत कमल की खोज में गए थे। वहां उन्हें एक वृद्ध वानर मार्ग में लेटा हुआ मिला। भीम ने उसे अपनी पूंछ हटाने को कहालेकिन वृद्ध वानर (जो वास्तव में हनुमान जी थेने कहा कि यदि तुम शक्तिशाली हो तो स्वयं ही पूंछ हटा लो। भीम ने पूरी शक्ति लगाईलेकिन पूंछ को हिला भी नहीं सके। तब हनुमान जी ने अपना असली रूप दिखाया और भीम का घमंड तोड़ा। यह घटना भी ज्येष्ठ के मंगलवार को हुई थी।

3. लंका दहन की कथा

रामायण के अनुसाररावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगवा दी थी। हनुमान जी ने अपनी पूंछ से पूरी लंका को जला दिया। यह घटना भी ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को हुई मानी जाती है।

बड़ा मंगल का महत्व

धार्मिक दृष्टिकोण से: हनुमान जी की पूजा से भक्तों को साहसबल और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

सामाजिक दृष्टिकोण से: इस दिन भंडारे और सेवा कार्यों का आयोजन होता हैजिससे समाज में एकता और सहयोग की भावना बढ़ती है।

आध्यात्मिक दृष्टिकोण से: व्रत और पूजा से आत्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

बड़ा मंगल 2025 की तिथियाँ

वर्ष 2025 में ज्येष्ठ मास में पाँच बड़े मंगल पड़ेंगे:

पहला बड़ा मंगल: 13 मई 2025

दूसरा बड़ा मंगल: 20 मई 2025

तीसरा बड़ा मंगल: 27 मई 2025

चौथा बड़ा मंगल: 3 जून 2025

पाँचवाँ बड़ा मंगल: 10 जून 2025

बड़ा मंगल की पूजा विधि

पूजा सामग्री:

·        लाल या पीले वस्त्र

·        लाल गुलाब के फूल और माला

·        सिंदूर और चमेली का तेल

·        चनागुड़नारियल

·        बेसन या बूंदी के लड्डू

·        घी का दीपक

·        हनुमान चालीसासुंदरकांडबजरंग बाण

 पूजा विधि:

·        प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र धारण करें।

·        हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।

·        सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।

·        लाल फूलचनागुड़नारियल अर्पित करें।

·        बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।

हनुमान चालीसा , सुंदरकांड या बजरंग बाण  का पाठ करें।

·        अंत में हनुमान जी आरती करें और व्रत का संकल्प लें।

बड़ा मंगल केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में सेवा, सहयोग और एकता की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। हनुमान जी की पूजा-अर्चना से केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भावना का संचार भी होता है


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