बड़ा मंगल, जिसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है, उत्तर भारत, विशेषकर लखनऊ और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक विशेष धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह ज्येष्ठ महीने के प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होता है और हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है।
बड़ा मंगल का आयोजन ज्येष्ठ मास के मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा के लिए किया जाता है। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं, मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और भंडारे का आयोजन करते हैं। यह दिन हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीराम माता सीता की खोज में वन-वन भटक रहे थे, तब उनकी पहली मुलाकात हनुमान जी से हुई थी। हनुमान जी उस समय एक ब्राह्मण के रूप में राम और लक्ष्मण से मिले थे। यह भेंट ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को हुई थी, इसलिए इस दिन को विशेष माना जाता है।
महाभारत काल में, भीम गंधमादन पर्वत पर श्वेत कमल की खोज में गए थे। वहां उन्हें एक वृद्ध वानर मार्ग में लेटा हुआ मिला। भीम ने उसे अपनी पूंछ हटाने को कहा, लेकिन वृद्ध वानर (जो वास्तव में हनुमान जी थे) ने कहा कि यदि तुम शक्तिशाली हो तो स्वयं ही पूंछ हटा लो। भीम ने पूरी शक्ति लगाई, लेकिन पूंछ को हिला भी नहीं सके। तब हनुमान जी ने अपना असली रूप दिखाया और भीम का घमंड तोड़ा। यह घटना भी ज्येष्ठ के मंगलवार को हुई थी।
रामायण के अनुसार, रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगवा दी थी। हनुमान जी ने अपनी पूंछ से पूरी लंका को जला दिया। यह घटना भी ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को हुई मानी जाती है।
धार्मिक दृष्टिकोण से: हनुमान जी की पूजा से भक्तों को साहस, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
सामाजिक दृष्टिकोण से: इस दिन भंडारे और सेवा कार्यों का आयोजन होता है, जिससे समाज में एकता और सहयोग की भावना बढ़ती है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से: व्रत और पूजा से आत्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
वर्ष 2025 में ज्येष्ठ मास में पाँच बड़े मंगल पड़ेंगे:
पहला बड़ा मंगल: 13 मई 2025
दूसरा बड़ा मंगल: 20 मई 2025
तीसरा बड़ा मंगल: 27 मई 2025
चौथा बड़ा मंगल: 3 जून 2025
पाँचवाँ बड़ा मंगल: 10 जून 2025
बड़ा मंगल की पूजा विधि
पूजा सामग्री:
· लाल या पीले वस्त्र
· लाल गुलाब के फूल और माला
· सिंदूर और चमेली का तेल
· चना, गुड़, नारियल
· बेसन या बूंदी के लड्डू
· घी का दीपक
· हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण
· प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
· हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
· सिंदूर और चमेली के तेल से हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
· लाल फूल, चना, गुड़, नारियल अर्पित करें।
· बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं।
हनुमान चालीसा , सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें।
· अंत में हनुमान जी आरती करें और व्रत का संकल्प लें।
बड़ा मंगल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में सेवा, सहयोग और एकता की भावना को भी प्रोत्साहित करता है। हनुमान जी की पूजा-अर्चना से न केवल आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा और सद्भावना का संचार भी होता है
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