बगलामुखी जयंती: तिथि, महत्व, पूजा विधि बगलामुखी जयंती देवी बगलामुखी के प्राकट्य दिवस के रूप में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मां की पूजा से शत्रुओं पर विजय, नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा और जीवन में स्थिरता मिलती है। 🕉️ बगलामुखी देवी कौन हैं? बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं, जिन्हें तंत्र विद्या की देवी माना जाता है। उनका नाम "बगला" (वाक् शक्ति से जुड़ा) और "मुखी" (रोकने वाली) से बना है। यह देवी शत्रुओं की वाणी, बुद्धि और शक्ति को रोकने की सामर्थ्य रखती हैं। 📅 बगलामुखी जयंती क्यों मनाई जाती है? इस दिन देवी बगलामुखी ने भयंकर तूफान को रोकने के लिए प्रकट होकर ब्रह्मांड की रक्षा की थी।यह दिन देवी के शक्तिशाली तांत्रिक रूप की आराधना और सिद्धियों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है। 🌟 महत्त्व: 1. शत्रु पर विजय: देवी की आराधना से शत्रुओं की वाणी, बुद्धि और शक्ति निष्क्रिय हो जाती है। 2. न्यायिक मामलों में सफलता: कोर्ट-कचहरी, मुकदमे आदि में सफलता के लिए यह उपासना की जाती है। 3. वाणी और वाकशक्ति की सिद्धि: वकील, नेता, वक्ता, कलाकार आदि के लिए विशेष लाभकारी। 4. तांत्रिक सिद्धियों की प्राप्ति: साधक इस दिन तांत्रिक अनुष्ठान करते हैं। 📅 बगलामुखी जयंती 2025 कब है? • तिथि प्रारंभ: 4 मई 2025, रविवार – सुबह 7:18 बजे • तिथि समाप्त: 5 मई 2025, सोमवार – सुबह 7:35 बजे • उदयातिथि के अनुसार बगलामुखी जयंती: 5 मई 2025 (सोमवार) • पूजन मुहूर्त (प्रदोष काल): 4 मई 2025, रविवार – संध्या समय 🙏 बगलामुखी पूजा विधि • पीले वस्त्र धारण करें • देवी को हल्दी, पीले फूल, पीले फल और चने की दाल अर्पित करें • बगलामुखी मंत्र या चालीसा का जाप करें • घी का दीपक जलाकर आरती करें 🔱 मां बगलामुखी का स्तंभन मंत्र ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा। बगलामुखी जयंती पर मां की पूजा करने से जीवन में चल रही बाधाएं, शत्रु संकट, मानसिक अशांति और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। यह दिन खासकर मंत्र सिद्धि और तांत्रिक साधना के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। 🌟 यदि आप नियमित रूप से मां बगलामुखी की चालीसा का पाठ करते हैं तो शत्रुओं का प्रभाव स्वतः समाप्त हो जाता है और जीवन में विजय प्राप्त होती है।
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